श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  3.31.29 
 
 
भार्या तस्योत्तमा लोके सीता नाम सुमध्यमा।
श्यामा समविभक्ताङ्गी स्त्रीरत्नं रत्नभूषिता॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  इस संसार की सबसे सुन्दर स्त्री सीता हैं, जो श्रीराम की पत्नी हैं। वह यौवन के मध्य में हैं और उनके अंग-प्रत्यंग बहुत सुन्दर और सुडौल हैं। वह रत्नमय आभूषणों से सजी रहती हैं और सम्पूर्ण स्त्रियों में एक रत्न के समान हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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