श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  3.31.17 
 
 
स तेन सह संयुक्त: पावकेनानिलो यथा।
श्रीमान् राजवरस्तेन जनस्थानं निपातितम्॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  वायु अग्नि के साथ मिलकर जिस प्रकार प्रबल होती है, उसी प्रकार भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर राजाधिराज श्रीराम अत्यंत शक्तिशाली हैं। उन्होंने ही जनस्थान को उजाड़ दिया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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