श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  3.31.14 
 
 
रावणस्य पुनर्वाक्यं निशम्य तदकम्पन:।
आचचक्षे बलं तस्य विक्रमं च महात्मन:॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण के इस प्रश्न को सुनकर अकम्पन ने महात्मा श्रीराम के बल और वीरता का फिर से वर्णन करते हुए इस प्रकार बोला।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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