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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना
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श्लोक 12
श्लोक
3.31.12
अकम्पनवच: श्रुत्वा रावणो राक्षसाधिप:।
नागेन्द्र इव नि:श्वस्य इदं वचनमब्रवीत्॥ १२॥
अनुवाद
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रावण ने अकम्पन की बातें सुनकर नागराज की तरह गहरी साँस लेकर इस प्रकार कहा-।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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