श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 10-11
 
 
श्लोक  3.31.10-11 
 
 
पुत्रो दशरथस्यास्ते सिंहसंहननो युवा।
रामो नाम महास्कन्धो वृत्तायतमहाभुज:॥ १०॥
श्याम: पृथुयशा: श्रीमानतुल्यबलविक्रम:।
हतस्तेन जनस्थाने खरश्च सहदूषण:॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  राक्षसराज! राजा दशरथ के जवान बेटे भगवान श्रीराम पञ्चवटी में रहते हैं। उनका शरीर सिंह की तरह गठीला है, कंधे चौड़े हैं, भुजाएँ गोल और लंबी हैं, रंग सांवला है। वे बहुत प्रसिद्ध और तेजस्वी दिखाई देते हैं। उनके बल और वीरता की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। उन्होंने जनस्थान में रहने वाले खर और दूषण आदि का वध किया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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