श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.31.1 
 
 
त्वरमाणस्ततो गत्वा जनस्थानादकम्पन:।
प्रविश्य लङ्कां वेगेन रावणं वाक्यमब्रवीत्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  तब जनस्थान से अकम्पन लङ्का की तरफ़ अति शीघ्रता से चला गया और उस नगरी में प्रवेश करके रावण से इस प्रकार से बोला।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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