श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  3.30.9 
 
 
जनस्थाने हतस्थाने तव राक्षस मच्छरै:।
निर्भया विचरिष्यन्ति सर्वतो मुनयो वने॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  राक्षस! मेरे बाणों से तेरे जनस्थान में बने निवासस्थान के नष्ट हो जाने पर मुनिजन इस वन में चारों ओर बिना किसी भय के विचरण कर सकेंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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