श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.30.6 
 
 
अद्य ते भिन्नकण्ठस्य फेनबुद‍्बुदभूषितम्।
विदारितस्य मद‍्बाणैर्मही पास्यति शोणितम्॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  ‘अब मैं अपने बाणोंसे तेरे शरीरको विदीर्ण करके तेरा गला भी काट डालूँगा। फिर यह पृथ्वी फेन और बुदबुदोंसे युक्त तेरे गरम-गरम रक्तका पान करेगी॥ ६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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