वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना
»
श्लोक 26
श्लोक
3.30.26
स विमुक्तो महाबाणो निर्घातसमनि:स्वन:।
रामेण धनुरायम्य खरस्योरसि चापतत्॥ २६॥
अनुवाद
play_arrowpause
जैसे ही उस महाबाण को छोड़ा गया, वज्र गिरने के समान भयावह शब्द हुआ। श्रीराम ने अपने धनुष को कान तक खींचकर उसे छोड़ा था। वह खर की छाती में जा लगा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.