वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना
»
श्लोक 23
श्लोक
3.30.23
तमापतन्तं संक्रुद्धं कृतास्त्रो रुधिराप्लुतम्।
अपासर्पद् द्वित्रिपदं किंचित्त्वरितविक्रम:॥ २३॥
अनुवाद
play_arrowpause
भगवान श्रीराम अस्त्र-विद्या में निपुण थे। उन्होंने देखा कि राक्षस खून से लथपथ होने के बाद भी बहुत क्रोध में उनके करीब आ रहा है। यह देखकर उन्होंने तुरंत दो-तीन कदम पीछे हट गए। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत पास होने पर बाण चलाना संभव नहीं था।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.