श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  3.30.22 
 
 
विकल: स कृतो बाणै: खरो रामेण संयुगे।
मत्तो रुधिरगन्धेन तमेवाभ्यद्रवद् द्रुतम्॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम ने युद्ध के मैदान में अपने तीरों से खर को व्याकुल कर दिया। परन्तु फिर भी खर का साहस कम नहीं हुआ। खून की गंध से वह उन्मत्त हो गया और बड़े वेग से श्रीराम की ओर दौड़ा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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