श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  3.30.19 
 
 
तमापतन्तं बाणौघैश्छित्त्वा राम: प्रतापवान्।
रोषमाहारयत् तीव्रं निहन्तुं समरे खरम्॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  परम प्रतापी भगवान श्रीराम ने अपने ऊपर आते हुए उस वृक्ष को बाणों से काट गिराया और उस युद्धभूमि में खर को मारने के लिए अत्यधिक क्रोध प्रकट किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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