वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 30: श्रीराम के व्यङ्ग करने पर खर का उनके ऊपर साल वृक्ष का प्रहार करना, श्रीराम का तेजस्वी बाण से खर को मार गिराना
»
श्लोक 18
श्लोक
3.30.18
तं समुत्क्षिप्य बाहुभ्यां विनर्दित्वा महाबल:।
राममुद्दिश्य चिक्षेप हतस्त्वमिति चाब्रवीत्॥ १८॥
अनुवाद
play_arrowpause
उस महाबली रावण ने ज़ोरदार गुर्राहट करके दोनों हाथों से उस वृक्ष को उठा लिया और श्रीराम पर दे मारा। साथ ही यह भी कहा, "देखो, अब तुम मारे गए हो।"
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.