श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  3.29.9 
 
 
नचिरात् प्राप्यते लोके पापानां कर्मणां फलम्।
सविषाणामिवान्नानां भुक्तानां क्षणदाचर॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  निशाचर! जिस प्रकार से जहरीले अन्न को खाने का परिणाम तुरंत ही सामने आ जाता है, उसी प्रकार से इस लोक में किए गए पाप कर्मों का फल भी जल्दी ही प्राप्त होता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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