जैसे पेड़ों की जड़ें जब खोखली हो जाती हैं तो वह अधिक समय तक खड़े नहीं रह पाते उसी प्रकार पाप कर्म करने वाले, जिससे लोक निंदा होती है और स्वभाव से क्रूर हैं, वो लोग ऐश्वर्य प्राप्त करके भी उसमें स्थायी रूप से नहीं रह पाते। उनका ऐश्वर्य जैसे उस खोखली जड़ वाले वृक्ष के समाप्त हो जाने जैसा है।