श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  3.29.26 
 
 
खरबाहुप्रमुक्ता सा प्रदीप्ता महती गदा।
भस्म वृक्षांश्च गुल्मांश्च कृत्वागात् तत्समीपत:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  खर के हाथ से छूटी हुई वह चमकीली और विशाल गदा वृक्षों और लताओं को राख करके उनके पास जा पहुँची।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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