श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  3.29.19 
 
 
कुलं व्यपदिशन् वीर: समरे कोऽभिधास्यति।
मृत्युकाले तु सम्प्राप्ते स्वयमप्रस्तवे स्तवम्॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  मृत्यु के समान युद्ध में बिना किसी प्रस्ताव के वीर अपनी कुलीनता प्रकट करते हुए अपनी प्रशंसा नहीं करेगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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