श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  3.29.13 
 
 
अद्य त्वां निहतं बाणै: पश्यन्तु परमर्षय:।
निरयस्थं विमानस्था ये त्वया निहता: पुरा॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  ‘पहले तूने जिनका वध किया है, वे महर्षि विमानपर बैठकर आज तुझे मेरे बाणोंसे मारा गया और नरकतुल्य कष्ट भोगता हुआ देखें॥ १३॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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