श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  3.29.12 
 
 
ये त्वया दण्डकारण्ये भक्षिता धर्मचारिण:।
तानद्य निहत: संख्ये ससैन्योऽनुगमिष्यसि॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
  हे रावण! तूने दण्डकारण्य में जिन धर्म परायण ऋषियों को खाया है, आज युद्ध में मारा जाकर तू भी अपनी सेना के साथ उन्हीं का अनुसरण करेगा।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.