वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन
»
श्लोक 11
श्लोक
3.29.11
अद्य भित्त्वा मया मुक्ता: शरा: काञ्चनभूषणा:।
विदार्यातिपतिष्यन्ति वल्मीकमिव पन्नगा:॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
आज मेरे छोड़े हुए स्वर्ण युक्त बाण सर्प की तरह तुम्हारे शरीर को वेध करते हुए पृथ्वी को चीरकर पाताल में प्रवेश कर जाएँगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.