श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.29.1 
 
 
खरं तु विरथं रामो गदापाणिमवस्थितम्।
मृदुपूर्वं महातेजा: परुषं वाक्यमब्रवीत्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  खर को रथहीन देखकर और उसके हाथ में गदा देखकर महातेजस्वी भगवान श्रीराम ने पहले कोमल और फिर कठोर वाणी में कहा -
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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