वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 29: श्रीराम का खर को फटकारना तथा खर का भी उन्हें कठोर उत्तर देकर उनके ऊपर गदा का प्रहार करना और श्रीराम द्वारा उस गदा का खण्डन
»
श्लोक 1
श्लोक
3.29.1
खरं तु विरथं रामो गदापाणिमवस्थितम्।
मृदुपूर्वं महातेजा: परुषं वाक्यमब्रवीत्॥ १॥
अनुवाद
play_arrowpause
खर को रथहीन देखकर और उसके हाथ में गदा देखकर महातेजस्वी भगवान श्रीराम ने पहले कोमल और फिर कठोर वाणी में कहा -
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.