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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध
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श्लोक 8
श्लोक
3.28.8
तद् बभूव शितैर्बाणै: खररामविसर्जितै:।
पर्याकाशमनाकाशं सर्वत: शरसंकुलम्॥ ८॥
अनुवाद
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खर और श्रीराम द्वारा छोड़े गये नुकीले बाणों से व्याप्त हुआ सारा आकाश चारों ओर से बाणों से भरे होने के कारण आकाश शून्य हो गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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