श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  3.28.29 
 
 
रथस्य युगमेकेन चतुर्भि: शबलान् हयान्।
षष्ठेन च शिर: संख्ये चिच्छेद खरसारथे:॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  एक बाण से ही खर के रथ के युग्म को काट दिया, चार बाणों से चारों शबल रंग के घोड़ों को मार डाला और छठे बाण से युद्धस्थल में ही खर के सारथि का सिर काट गिराया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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