वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध
»
श्लोक 21
श्लोक
3.28.21
सुमहद् वैष्णवं यत् तदतिसृष्टं महर्षिणा।
वरं तद् धनुरुद्यम्य खरं समभिधावत॥ २१॥
अनुवाद
play_arrowpause
महर्षि अगस्त्य ने जो अत्यंत श्रेष्ठ और उत्तम वैष्णव धनुष दिया था, उसी को लेकर श्रीराम ने खर पर आक्रमण किया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.