श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  3.28.17 
 
 
तत: शरसहस्रेण राममप्रतिमौजसम्।
अर्दयित्वा महानादं ननाद समरे खर:॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनन्तर उस अतुलनीय शक्ति वाले श्रीराम को बाणों से घायल करके, राक्षस खर युद्ध के मैदान में जोर-जोर से गर्जना करने लगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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