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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध
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श्लोक 12
श्लोक
3.28.12
हन्तारं सर्वसैन्यस्य पौरुषे पर्यवस्थितम्।
परिश्रान्तं महासत्त्वं मेने रामं खरस्तदा॥ १२॥
अनुवाद
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उस समय समस्त सेनाओं को नष्ट करने वाले तथा पुरुषार्थ में लगे हुए महा शक्तिशाली श्री राम को खर ने थका मांना।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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