श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  3.28.11 
 
 
तं रथस्थं धनुष्पाणिं राक्षसं पर्यवस्थितम्।
ददृशु: सर्वभूतानि पाशहस्तमिवान्तकम्॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  तब धनुष धारण किए हुए और अपने रथ में स्थिरता से बैठे हुए राक्षस खर को सभी प्राणियों ने पाशधारी यमराज के समान देखा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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