श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  3.28.10 
 
 
ततो नालीकनाराचैस्तीक्ष्णाग्रैश्च विकर्णिभि:।
आजघान रणे रामं तोत्रैरिव महाद्विपम्॥ १०॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनंतर खर ने रणभूमि में श्रीराम पर नालीक, नाराच और तीखे अग्रभाग वाले विकर्णि नामक बाणों से प्रहार किया, मानो किसी महान गजराज को अंकुशों द्वारा मारा जा रहा हो। इस प्रकार उन्होंने कई बाण चलाए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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