श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 28: खर के साथ श्रीराम का घोर युद्ध  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.28.1 
 
 
निहतं दूषणं दृष्ट्वा रणे त्रिशिरसा सह।
खरस्याप्यभवत् त्रासो दृष्ट्वा रामस्य विक्रमम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  त्रिशिर के साथ दूषण को युद्ध के मैदान में मारे जाने के बाद श्रीराम के पराक्रम ने खर को बड़ा भयभीत कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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