श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 27: त्रिशिरा का वध  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  3.27.20 
 
 
तान् खरो द्रवतो दृष्ट्वा निवर्त्य रुषितस्त्वरन्।
राममेवाभिदुद्राव राहुश्चन्द्रमसं यथा॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  राहु की तरह चंद्रमा पर हमला करने की तरह, खर ने उन्हें भागते देख रौद्र रूप में लौटकर तुरंत श्रीराम पर हमला कर दिया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे सप्तविंश: सर्ग: ॥ २ ७॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें सत्ताईसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ २ ७॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.