श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  3.26.38 
 
 
ततस्तु तद्भीमबलं महाहवे
समीक्ष्य रामेण हतं बलीयसा।
रथेन रामं महता खरस्तत:
समाससादेन्द्र इवोद्यताशनि:॥ ३८॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात, भयंकर युद्ध में, जब खर ने अपनी शक्तिशाली सेना को श्री राम द्वारा मारे जाते हुए देखा, तो वह एक विशाल रथ पर चढ़कर श्री राम का सामना करने के लिए निकल पड़ा। मानो वज्रधारी देवराज इन्द्र ने किसी शत्रु पर आक्रमण कर दिया हो।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे षड‍‍्विंश: सर्ग:॥ २६॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें छब्बीसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ २६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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