श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  3.26.35 
 
 
चतुर्दशसहस्राणि रक्षसां भीमकर्मणाम्।
हतान्येकेन रामेण मानुषेण पदातिना॥ ३५॥
 
 
अनुवाद
 
  मानवरूपी श्रीराम एकाकी और पैदल चल रहे थे, फिर भी उन्होंने भयावह कर्म करने वाले चौदह हजार राक्षसों का तुरंत वध कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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