श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  3.26.32 
 
 
तैर्भिन्नवर्माभरणाश्छिन्नभिन्नशरासना:।
निपेतु: शोणितादिग्धा धरण्यां रजनीचरा:॥ ३२॥
 
 
अनुवाद
 
  शरों से विदीर्ण कवच, आभूषण और धनुषों वाले राक्षस खून से लथपथ पृथ्वी पर गिर पड़े।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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