श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 23-25
 
 
श्लोक  3.26.23-25 
 
 
दूषणं निहतं श्रुत्वा तस्य चैव पदानुगान्॥ २३॥
व्यादिदेश खर: क्रुद्ध: सेनाध्यक्षान् महाबलान्।
अयं विनिहत: संख्ये दूषण: सपदानुग:॥ २४॥
महत्या सेनया सार्धं युद‍्ध्वा रामं कुमानुषम्।
शस्त्रैर्नानाविधाकारैर्हनध्वं सर्वराक्षसा:॥ २५॥
 
 
अनुवाद
 
  दूषण और उसके अनुयायियों के मारे जाने के समाचार से खर क्रोधित हो उठा। उसने अपने पराक्रमी सेनापतियों को आदेश दिया, "वीर योद्धाओ! दूषण और उसके अनुयायियों को युद्ध में मार दिया गया है। अब तुम सभी राक्षस एक बड़ी सेना के साथ इस दुष्ट मनुष्य राम पर आक्रमण करो और उसे विभिन्न प्रकार के हथियारों से मार डालो।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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