श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 2-3h
 
 
श्लोक  3.26.2-3h 
 
 
ते शूलै: पट्टिशै: खड्गै: शिलावर्षैर्द्रुमैरपि॥ २॥
शरवर्षैरविच्छिन्नं ववर्षुस्तं समन्तत:।
 
 
अनुवाद
 
  राम के चारों ओर से शत्रुओं ने लगातार शूल, पट्टिश, तलवार, पत्थर, पेड़ और बाण चलाये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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