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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध
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श्लोक 19-20h
श्लोक
3.26.19-20h
दृष्ट्वैवापततस्तांस्तु राघव: सायकै: शितै:॥ १९॥
तीक्ष्णाग्रै: प्रतिजग्राह सम्प्राप्तानतिथीनिव।
अनुवाद
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श्रीराम ने तीनों राक्षसों को अपनी ओर आते देख, उनके तीखे अग्रभाग वाले पैने बाणों से द्वार पर आये हुए अतिथियों के समान उनका स्वागत किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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