श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 18-19h
 
 
श्लोक  3.26.18-19h 
 
 
महाकपालो विपुलं शूलमुद्यम्य राक्षस:॥ १८॥
स्थूलाक्ष: पट्टिशं गृह्य प्रमाथी च परश्वधम्।
 
 
अनुवाद
 
  राक्षस महाकपाल ने एक बड़ा-सा शूल उठाया, स्थूलाक्ष ने पट्टिश हाथ में लिया और प्रमाथी ने फरसा उठाकर आक्रमण किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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