श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध  »  श्लोक 17-18h
 
 
श्लोक  3.26.17-18h 
 
 
एतस्मिन्नन्तरे क्रुद्धास्त्रय: सेनाग्रयायिन:।
संहत्याभ्यद्रवन् रामं मृत्युपाशावपाशिता:॥ १७॥
महाकपाल: स्थूलाक्ष: प्रमाथी च महाबल:।
 
 
अनुवाद
 
  उसी समय सेना के अग्र भाग में चलने वाले महाकपाल, स्थूलाक्ष और महाबली प्रमाथी—ये तीन राक्षस क्रोधित होकर मौत के फंदे में फंसकर एक साथ मिलकर श्रीरामचन्द्रजी के ऊपर टूट पड़े।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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