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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 26: श्रीराम के द्वारा दूषण सहित चौदह सहस्र राक्षसों का वध
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श्लोक 13
श्लोक
3.26.13
तस्याभिपतमानस्य दूषणस्य च राघव:।
द्वाभ्यां शराभ्यां चिच्छेद सहस्ताभरणौ भुजौ॥ १३॥
अनुवाद
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श्री रामचंद्र जी ने देखा कि दूषण उनपर हमला कर रहा है, तब उन्होंने दो बाणों से उसके आभूषणों सहित दोनों भुजाएँ काट दीं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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