वह समरभूमि श्रीराम के बाणों से टुकड़े-टुकड़े हुए मुकुटों से सजे सिर, बाजूबंदों सहित भुजाएं, जाँघें, हाथ, विभिन्न प्रकार के आभूषण, घोड़े, उत्तम हाथी, टूटे-फूटे अनेक रथ, चँवर, व्यजन, छत्र, विभिन्न प्रकार के झंडे, टूटे हुए शूल, पट्टिश, खंडित तलवारें, बिखरे हुए प्रास, फरसे, चूर-चूर हुई शिलाएँ और टुकड़े-टुकड़े हुए कई विचित्र बाणों से पटी हुई थी। यह समरभूमि अत्यंत भयावह दिखायी दे रही थी।