श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 25: राक्षसों का श्रीराम पर आक्रमण और श्रीरामचन्द्रजी के द्वारा राक्षसों का संहार  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  3.25.28 
 
 
तेषां बाणैर्महाबाहु: शस्त्राण्यावार्य वीर्यवान्।
जहार समरे प्राणांश्चिच्छेद च शिरोधरान्॥ २८॥
 
 
अनुवाद
 
  परंतु पराक्रमी महाबाहु श्रीराम ने रणभूमि में अपने बाणों द्वारा उनके अस्त्र-शस्त्रों को रोककर उन्हें बेअसर कर दिया और उनके सिरों को काटकर उनके प्राण ले लिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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