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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 15-16h
श्लोक
3.25.15-16h
विषेदुर्देवगन्धर्वा: सिद्धाश्च परमर्षय:॥ १५॥
एकं सहस्रैर्बहुभिस्तदा दृष्ट्वा समावृतम्।
अनुवाद
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श्रीराम अकेले ही युद्ध भूमि में खड़े थे। उस समय उन्हें अनेक हज़ार शत्रुओं ने घेर लिया था। यह देखकर देवता, सिद्ध, गंधर्व और महर्षि अत्यंत दुखी हुए॥ १५ १/२॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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