वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 23: भयंकर उत्पातों को देखकर भी खर का उनकी परवा नहीं करना तथा राक्षस सेना का श्रीराम के आश्रम के समीप पहुँचना
»
श्लोक 22-23h
श्लोक
3.23.22-23h
यन्निमित्तं तु रामस्य लक्ष्मणस्य विपर्यय:॥ २२॥
सकामा भगिनीमेऽस्तु पीत्वा तु रुधिरं तयो:।
अनुवाद
play_arrowpause
राम और लक्ष्मण के मन में जिस कारण से क्रूरतापूर्ण विचार उत्पन्न हुए हैं, वह मेरी बहन शूर्पणखा उनके खून को पीकर अपने मनोरथ को पूरा कर ले।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.