वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 23: भयंकर उत्पातों को देखकर भी खर का उनकी परवा नहीं करना तथा राक्षस सेना का श्रीराम के आश्रम के समीप पहुँचना
»
श्लोक 15
श्लोक
3.23.15
चीचीकूचीति वाश्यन्त्यो बभूवुस्तत्र सारिका:।
उल्काश्चापि सनिर्घोषा निपेतुर्घोरदर्शना:॥ १५॥
अनुवाद
play_arrowpause
चिड़ियों ने चीं-चीं करना शुरू कर दिया। उल्काएँ बड़ी आवाज़ के साथ आकाश से पृथ्वी पर गिरने लगीं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.