श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 23: भयंकर उत्पातों को देखकर भी खर का उनकी परवा नहीं करना तथा राक्षस सेना का श्रीराम के आश्रम के समीप पहुँचना  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  3.23.14 
 
 
तस्मिन् क्षणे बभूवुश्च विना पुष्पफलैर्द्रुमा:।
उद‍्धूतश्च विना वातं रेणुर्जलधरारुण:॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  उस क्षण में, बिना किसी हवा के ही, पेड़ों से फूल और फल गिरने लगे। धूल के गुबार उठे और आकाश को बादलों की तरह ढँक लिया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.