सौम्य! मेरे मन के अनुकूल चलने वाले, युद्ध के मैदान से पीछे हटने के विचार से रहित, अत्यंत वेगशाली, घनघोर मेघ के समान काले रंग वाले, मनुष्यों की हिंसा में ही खेलकूद करने वाले तथा युद्ध में प्रसन्नतापूर्वक आगे बढ़ने वाले चौदह हज़ार राक्षसों को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार कर दो।