श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 22: चौदह हजार राक्षसों की सेना के साथ खर-दूषण का जनस्थान से पञ्चवटी की ओर प्रस्थान  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  3.22.21 
 
 
तांस्तु निर्धावतो दृष्ट्वा राक्षसान् भीमदर्शनान्।
खरस्याथ रथ: किंचिज्जगाम तदनन्तरम्॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  ख़र का रथ उन भयानक दिखने वाले राक्षसों को हमला करते देखकर कुछ देर सैनिकों के निकलने की प्रतीक्षा करके उनके साथ ही आगे बढ़ गया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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