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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 22: चौदह हजार राक्षसों की सेना के साथ खर-दूषण का जनस्थान से पञ्चवटी की ओर प्रस्थान
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श्लोक 12
श्लोक
3.22.12
इति तस्य ब्रुवाणस्य सूर्यवर्णं महारथम्।
सदश्वै: शबलैर्युक्तमाचचक्षेऽथ दूषण:॥ १२॥
अनुवाद
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उसके इस प्रकार आदेश देते ही सूरज के समान प्रकाशमान और सुन्दर चितकबरे रंग के घोड़ों से जुता हुआ विशाल रथ वहाँ आ गया। दूषण ने इस रथ को खर के पास आते हुए देखा और रावण के आदेशानुसार तुरंत उसे खर को बताया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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