वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 21: शूर्पणखा का खर के पास आकर उन राक्षसों के वध का समाचार बताना और राम का भय दिखाकर उसे युद्ध के लिये उत्तेजित करना
»
श्लोक 19
श्लोक
3.21.19
मानुषौ तौ न शक्नोषि हन्तुं वै रामलक्ष्मणौ।
नि:सत्त्वस्याल्पवीर्यस्य वासस्ते कीदृशस्त्विह॥ १९॥
अनुवाद
play_arrowpause
राम और लक्ष्मण मनुष्य हैं और उन्हें मारने की शक्ति तुममें नहीं है, तो तुम जैसे कमजोर और शक्तिहीन राक्षस के लिए यहां रहना कैसे संभव है?
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.