श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 21: शूर्पणखा का खर के पास आकर उन राक्षसों के वध का समाचार बताना और राम का भय दिखाकर उसे युद्ध के लिये उत्तेजित करना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.21.1 
 
 
स पुन: पतितां दृष्ट्वा क्रोधाच्छूर्पणखां पुन:।
उवाच व्यक्तया वाचा तामनर्थार्थमागताम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  क्रोध से भरे हुए खर ने शूर्पणखा को फिर धरती पर गिरी हुई देखकर अनर्थ के लिये आयी हुई उस अपनी बहन से फिर स्पष्ट वाणी में कहा-।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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